अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), ऋषिकेश ने चिकित्सा क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। संस्थान ने उत्तराखंड में पहली बार कस्टमाइज्ड 3D प्रिंटेड इम्प्लांट की मदद से जटिल रिवीजन टोटल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। यह सर्जरी हरिद्वार निवासी 60 वर्षीय संदीप शर्मा पर की गई, जो वर्षों से एंकायलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस और इम्प्लांट फेलियर के कारण व्हीलचेयर पर आश्रित थे।
संदीप शर्मा ने 2003 में पीजीआई चंडीगढ़ में हिप रिप्लेसमेंट करवाया था, लेकिन लगभग 20 साल बाद इम्प्लांट्स फेल हो गए। AIIMS दिल्ली में इलाज की शुरुआत तो हुई, पर संक्रमण के चलते सर्जरी पूरी नहीं हो सकी। इसके बाद उन्होंने एम्स ऋषिकेश में विशेषज्ञों से परामर्श लिया।
डॉक्टरों ने जांच में पाया कि उनके कुल्हे की हड्डी में बड़ा बोनी डिफेक्ट है, जिसे साधारण इम्प्लांट से ठीक नहीं किया जा सकता। इसलिए उनके लिए एक विशेष 3D प्रिंटेड कस्टमाइज्ड इम्प्लांट डिजाइन किया गया।
फरवरी 2025 के अंतिम सप्ताह में प्रो. रूप भूषण कालिया के नेतृत्व में ऑर्थोपेडिक्स विभाग की टीम ने 8 घंटे की जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक पूरा किया। एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व डॉ. भावना गुप्ता ने किया।
अब सर्जरी के 7 सप्ताह बाद संदीप शर्मा बिना सहारे चलने में सक्षम हो चुके हैं और उन्होंने अपनी नई जिंदगी की शुरुआत पर डॉक्टरों का आभार जताया।
यह उपलब्धि 3D प्रिंटिंग तकनीक की प्रभावशीलता को रेखांकित करती है और भविष्य में जटिल सर्जरी के लिए एक नई उम्मीद जगाती है।
Reported By: Arun Sharma