ब्यूरो: पूर्व मुख्यमंत्री उत्तराखंड एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ को उनकी रचनात्मक साहित्यिक उपलब्धियों, हिन्दी-संस्कृत भाषा के संरक्षण व प्रचार-प्रसार तथा ‘लेखक गांव’ जैसी अभिनव संकल्पना को मूर्त रूप देने के लिए “द लिटरेचर लॉरेट” सम्मान से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान अखिल भारतीय सर्वभाषा संस्कृति समन्वय समिति एवं वैश्विक हिन्दीशाला संस्थान (वीएचएसएस, जर्मनी) द्वारा नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित समारोह में प्रदान किया गया।
समारोह में संस्था के अध्यक्ष पं. सुरेश नीरव एवं सचिव क्रिस्टीन म्यूलर ने डॉ. निशंक को यह सम्मान भेंट करते हुए कहा कि वे ऐसे विरले राजनेता हैं जिन्होंने साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में लगातार योगदान दिया है। उनका साहित्य अनेक भारतीय और अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में अनूदित हुआ है, जिससे भारतीय संस्कृति का वैश्विक स्तर पर प्रसार हुआ है।
ज्ञात हो कि डॉ. निशंक की प्रेरणा से देहरादून स्थित शिवालिक पहाड़ियों में ‘लेखक गांव’ की स्थापना की गई है, जिसका उद्घाटन 25 अक्टूबर 2024 को देश की प्रतिष्ठित हस्तियों की उपस्थिति में हुआ। इस गांव में स्थापित ‘नालंदा पुस्तकालय’ का लक्ष्य दस लाख पुस्तकों का संग्रह करना है।
सम्मान प्राप्ति पर डॉ. निशंक ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि साहित्य समाज के निर्माण का सशक्त माध्यम है और ‘लेखक गांव’ को वैश्विक रचनाधर्मिता का केन्द्र बनाने का संकल्प लिया गया है। उनकी 110 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और उन पर 25 से अधिक शोध कार्य हो चुके हैं।